UPSSSC आयोग की ढुल मुल रवैया व युवाओ कीे बदहाली  

UPSSSC आयोग की ढुल मुल रवैया व युवाओ कीे बदहाली  
उत्तर प्रदेश राज्य के अन्तर्गत आने वाली विभिन विभागो मे समुह 'क', समुह 'ख', व समुह 'ग' पदो पर भर्तीयो को सम्पन कराने हेतु उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग है!
लेखपाल,गन्ना पर्यवेक्षक, सहायक  कनिष्ठ, ट्यूबवेल ऑपरेटर, मंडी इंस्पेक्टर, ग्राम पंचायत अधिकारी जैसे इन तमाम भर्तियों को पुरा करने की जिम्मेदारी इस (UPSSSC) की है!
उत्तर प्रदेश के ऐसे परीक्षार्थियों जिनकी अंग्रेजी भाषा कमजोर है, वे SSC, Banking की राह चुनने के बजाय UPSSSC के अन्तर्गत आने वाली भर्तियों की तैयारी मे जुट जाते है!
प्रयागराज, कानपुर , लखनऊ व अन्य विभिन्न शहरो मे रहकर इन परीक्षाओ की तैयारी करने वाले प्रतियोगी परीक्षार्थियों की एक बहुत बड़ी संख्या है!
इनमे से ऐसे अधिकांश छात्र जो गरीब , मजदूर ,किसान परिवारो से आते है, उनके लिए शहर का खर्च वहन करके तैयारी करना बहुत मुश्किल होता है!
ऐसे मे जब UPSSSC आयोग ! की कार्यप्रणाली इतनी सुस्त हो कि वर्त्तमान सरकार के शासनकाल मे निकली इस आयोग की कोई भर्ती नियुक्ति के स्तर तक नही पहुँची औऱ 2016 से अब तक कुल 23 भर्तियां लंबित है! 
चार-चार वर्षो से तैयारी मे जुटे युवाओ को नौकरी की जगह सिर्फ़ निराशा हाथ लगती है जिसका कारण मात्र केवल UPSSSC के अधिकारीयो की ढुल-मुल रवैया है!
आयोग की इस ढुल-मुल रवैये से लाखों युवाओ की बदहाली का जिम्मेदार आखिर कौन !
ये अपनी समस्याये अपनी पीड़ा किसको सुनाए, कौन इन युवाओ की सुध लेगा ! 
आये दिन सुनने को मिलता है कि कई वर्षो से तैयारी मे जुटा छात्र ,नौकरी ना पा सकने की निराशा मे आत्महत्या कर ली !
ऐसे मे प्रश्न ये है कि क्या आयोग के ये लापरवाह अधिकारी है