योगी जी के योग से ही संभव है







कोरोना संक्रमण के कारण लॉक डाउन की वजह से दुनिया भर में लोगों को असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। दिल दहला देने वाली तरह-तरह की तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं, जिन्हें देखकर कलेजा भी कांप उठे। इस समय हर किसी के सामने हर मोर्चे पर चुनौतियां हैं और आने वाले समय में चुनौतियां और बढ़ने वाली हैं। ऐसे सवाल उठना लाजिमी है कि सरकार ने हमारे लिए क्या किया?


बात, यूपी की करते हैं। प्रदेश में कोविड-19 की टेस्टिंग के लिए 26 सरकारी लैब संचालित हैं और 1,30,893 लोगों के सैम्पल टेस्ट किए गए हैं। इसमें 11 मई तक कोरोना के एक्टिव संक्रमितों की संख्या 1,786 थी और 1,655 लोगों को ईलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। निगरानी पर 2,99,761 लोगों को रखा गया है, जबकि 56,52,128 घरों का सर्वे किया जा चुका है। इसमें दो करोड़ 81 लाख 08 हजार 871 लोग हैं। राज्य में 53,459 आइसोलेशन बेड, 21,569 क्वारंटीन बेड और 1,631 वेन्टीलेटर बेड उपलब्ध हैं। 228 एल-1, 75 एल-2 तथा 25 एल-3 कोविड चिकित्सालय स्थापित किए गए हैं। प्रदेश के सभी 75 जिलों के एल-2 कोविड अस्पतालों में वेन्टीलेटर की व्यवस्था की गई है। सभी कोविड अस्पतालों में पीपीई किट और एन-95 मास्क की उपलब्धता भी की गई है। कोरोना संक्रमितों की जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रदेश में कुल 67,198 स्वास्थ्य दल क्रियाशील हैं। इसके अलावा प्रत्येक गांव और शहर में निगरानी समितियां गठित की गई हैं। प्रदेश के 660 निजी अस्पतालों में सभी प्रोटोकाल सुनिश्चित कर इमरजेंसी सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं। 22 सौ से अधिक चिकित्सकों द्वारा प्रतिदिन टेलीमेडिसिन के द्वारा रोगियों को परामर्श दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा कोविड की रोकथाम और बचाव के लिए ‘आयुष कवच कोविड’ एप विकसित किया गया है, जिसे अब तक 2.75 लाख लोगों ने डाउनलोड किया है।


प्रदेश के बाहर से आ रहे निवासियों के लिए 14,873 आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं, जिसकी कुल क्षमता 12.66 लाख है। लोगों की सुविधा के लिए प्रदेश में 3,327 कम्युनिटी किचन संचालित हैं और प्रतिदिन 12 लाख से अधिक फूड पैकेटों का वितरण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की कुल 61,990 इकाइयों द्वारा 643.80 करोड़ रुपए धनराशि का वेतन का भुगतान कराया गया है। प्रदेश में 95,369 इकाइयों द्वारा उत्पादन शुरू कर दिया गया है। इनमें 15.77 लाख श्रमिक कार्यरत हैं।


ऐसे मुश्किल घड़ी में सरकार की ओर से श्रमिकों और निराश्रित 31.42 लाख लोगों को 1,000 रुपए की दर से 314.24 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता की गई है। इनमें निर्माण कार्य से जुड़े 17.04 लाख श्रमिक, नगरीय क्षेत्र के 8.24 लाख श्रमिक और ग्रामीण क्षेत्रों के 6.14 लाख श्रमिक शामिल हैं। प्रदेश की 45,480 ग्राम पंचायतों में कार्यरत 22.63 लाख मनरेगा श्रमिकों के साथ उत्तर प्रदेश, देश का अग्रणी राज्य है।


लॉक डाउन के दौरान 43,520 वाहनों के माध्यम से फल, सब्जी और आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जा रहा है। ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के तहत 3.32 करोड़ राशन कार्डों पर राशन दिया गया है। 15 मई से इस माह का राशन वितरण भी शुरू होगा और एक माह के लिए चना दाल भी दिया जाएगा। एक मई से 3.19 करोड़ राशन कार्डों पर 13.28 करोड़ लोगों को राशन दिया गया है। इसमें से 95 लाख राशन कार्डों पर निःशुल्क राशन दिया गया है। इसके अलावा पिछले एक माह में अभियान चलाकर बाहर से आए 5.45 लाख परिवारों को नए राशन कार्ड जारी किए गए हैं।


तीन अप्रैल को विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत 86,71,781 लाभार्थियों को दो माह की पेंशन 871.46 करोड़ भेजे गए हैं। सरकार ने 15 अप्रैल से 5,858 सरकारी क्रय केन्द्रों के माध्यम से 2,26,461 किसानों से 120.52 लाख कुन्तल गेहूं की खरीद की गई है। मण्डी से 41.87 लाख कुन्तल गेहूं की खरीद हो चुकी है। 2302 टन चना और 116 टन सरसों की भी खरीद की गई है। प्रदेश में 5029 गोसंरक्षण केन्द्र/स्थलों को संचालित कर 4.89 लाख निराश्रित गोवंश को संरक्षित किया गया है। प्रदेश में भूसे की पर्याप्त उपलब्धता के लिए 2,461 भूसा बैंकों की स्थापना की गई है। पशु-पक्षियों की आकस्मिक चिकित्सा और उनके आहार का समुचित प्रबन्धन भी किया जा रहा है।


प्रदेश में राज्य स्तरीय कण्ट्रोल रूम नंबर 0522-2202893, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर-1076 और एकीकृत आपदा नियंत्रण केन्द्र टोल-फ्री नम्बर-1070 स्थापित है। 190 ट्रेनों के माध्यम से अब तक 2,30,000 प्रवासी कामगार/श्रमिक दूसरे राज्यों से प्रदेश वापस आ चुके हैं, जबकि बसों के माध्यम से प्रदेश के 67,237 श्रमिक/छात्र/अन्य व्यक्तियों को वापस लाया गया है। नौ लाख से अधिक प्रवासी कामगार/श्रमिकों को उत्तर प्रदेश वापस लाया जा चुका है। प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की वापसी के मद्देनजर राज्य सरकार 20 लाख लोगों को रोजगार/नौकरी देने की योजना पर कार्य कर रही है।


इस चुनौती भरे समय को अवसर में बदलने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ये उनकी दिन-रात की मेहनत का ही नतीजा है कि प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है, विस्फोटक नहीं है। इसके लिए वह और उनकी टीम-11 हर संभावित समस्याओं और विकल्पों पर काम कर रही है। इसलिए इतने कम समय में अगर इतना कुछ हुआ है, तो आगे और भी होने की उम्मीदें हैं।